सुपौल। जिले के निवासियों के लिए नया वर्ष एक बड़े तोहफे के साथ शुरू होने वाला है। सहरसा-फारबिसगंज रेलखंड पर सरायगढ़ जंक्शन से कुछ पहले बैजनाथपुर-झाझा के मध्य निर्माणाधीन नई बाईपास रेल लाइन का काम अब अंतिम दौर में पहुंच गया है।
रेलवे अधिकारियों और निर्माण में जुटे मजदूरों के अनुसार, यदि सबकुछ तय योजना के मुताबिक चला तो नए साल में इस बहुप्रतीक्षित बाईपास लाइन का शुभारंभ हो सकता है।
बताते चलें कि बैजनाथपुर-झाझा के बीच बन रही यह नई जंक्शन वाली बाईपास लाइन रेल संचालन के लिहाज से काफी अहम होगी। इसके चालू होने के बाद सहरसा से दरभंगा, पटना और अन्य दूरस्थ स्थानों को जाने वाली ज्यादातर ट्रेनें सरायगढ़ जंक्शन के पास बैजनाथपुर जंक्शन से होकर इस नए रूट पर डायवर्ट कर दी जाएंगी।
इससे न केवल ट्रेनों के परिचालन में आसानी आएगी, बल्कि समय की भी काफी बचत होगी। फिलहाल सरायगढ़ जंक्शन पर ट्रेनों के रुकने और रूट बदलने की वजह से अक्सर भीड़भाड़ और संचालन संबंधी परेशानियां होती हैं। नई बाईपास लाइन शुरू होने से इन मुश्किलों से काफी राहत मिलने की उम्मीद है।
ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी
रेलवे सूत्रों की मानें तो सहरसा से दरभंगा की ओर जाने और आने वाली लगभग सभी ट्रेनों का संचालन इसी नए बाईपास रूट से होगा। इससे ट्रेनों की गति में इजाफा होगा और समयबद्धता में भी बेहतरी आएगी।
बैजनाथपुर और झाझा इलाके में बन रहे नए जंक्शन को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह का माहौल है। ग्रामीणों और कारोबारियों का कहना है कि जंक्शन के शुरू होने से क्षेत्र में आर्थिक सरगर्मियां बढ़ेंगी। यात्रा सुविधाओं के अलावा व्यापार, रोजगार और परिवहन के नए मौके भी सृजित होंगे।
खासतौर पर सुपौल, सरायगढ़, बैजनाथपुर और आसपास के इलाकों के बाशिंदों को इसका प्रत्यक्ष फायदा पहुंचेगा। निर्माण में लगे कुछ कर्मियों ने बताया कि रेल पटरी बिछाने, सिग्नल सिस्टम, प्लेटफॉर्म और अन्य तकनीकी कार्य लगभग पूरे हो चुके हैं। बाकी कामों को तेज गति से पूरा किया जा रहा है।
काम खत्म होने के बाद रेलवे द्वारा जांच-पड़ताल की जाएगी, जिसके बाद उद्घाटन की तारीख तय होगी। कुल मिलाकर, बैजनाथपुर-झाझा बाईपास रेल लाइन सुपौल जिले के रेल मानचित्र को नई दिशा देगी। नए वर्ष में इसके शुरू होने से यात्रा सुगम होगी और पूरे क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी।