निर्मली: कोशी क्षेत्र में रेल यात्रियों की सुविधा और सुगम यात्रा सुनिश्चित करने के लिए भारतीय रेलवे द्वारा कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। इनमें ललितग्राम और सरायगढ़ में रेल लाइन के गेज परिवर्तन के साथ-साथ बायपास रेल लाइनों का निर्माण शामिल है। ललितग्राम में बायपास रेल लाइन का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है, जबकि सरायगढ़ में बायपास रेल लाइन का निर्माण अपने अंतिम चरण में है।
बायपास रेल लाइन का निर्माण मुख्य रूप से उन स्थानों पर किया जाता है, जहां ट्रेनों के इंजन बदलने की प्रक्रिया में समय की बर्बादी होती है। वर्तमान में, सहरसा से झंझारपुर या दरभंगा की ओर जाने वाली ट्रेनों को सरायगढ़ स्टेशन पर इंजन बदलना पड़ता है। इस प्रक्रिया में 30 मिनट से लेकर 1 घंटे तक का समय लगता है, और यदि अन्य प्लेटफॉर्म पर कोई दूसरी ट्रेन मौजूद हो, तो कई बार ट्रेन को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस समस्या के समाधान के लिए रेलवे ने ललितग्राम और सरायगढ़ में बायपास रेल लाइनों का निर्माण शुरू किया है।
सरायगढ़ बायपास रेल लाइन बैजनाथपुर-अंदौली से झाझा तक लगभग 5 किलोमीटर के दायरे में फैली हुई है और इसका निर्माण कार्य अब अंतिम चरण में है। इसके साथ ही, झाझा के निकट ‘न्यू झाझा’ नामक एक नए रेलवे स्टेशन का निर्माण भी किया जा रहा है। इस नए स्टेशन के बनने से झाझा के निवासियों के लिए रेल यात्रा और भी सुविधाजनक और तेज हो जाएगी। वहीं, सरायगढ़ में बन रही बायपास रेल लाइन का कार्य भी अंतिम दौर में है। हाल ही में बैजनाथपुर-अंदौली की ओर से प्री-एनआई (नॉन-इंटरलॉकिंग) कार्य शुरू हो चुका है। जल्द ही मालगाड़ी पैनल लेकर इस बायपास रेल लाइन पर प्रवेश करेगी।
उम्मीद है कि आगामी चुनाव से पहले यह बायपास रेल लाइन पूरी तरह से चालू हो जाएगी, जिससे क्षेत्र के रेल यात्रियों को समयबद्ध और निर्बाध यात्रा का लाभ मिलेगा।





