दरभंगा एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग की दिशा में अहम कदम, सर्वे पूरा
दरभंगा: दरभंगा एयरपोर्ट पर रात्रि लैंडिंग शुरू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। रक्षा मंत्रालय की सर्वे टीम ने इस संबंध में अपनी जांच पूरी कर ली है। जल्द ही सर्वे की रिपोर्ट मंत्रालय को सौंपी जाएगी, जिसके बाद रात्रि लैंडिंग की प्रक्रिया शुरू हो सकेगी।
सर्वे कार्य का विवरण
रक्षा मंत्रालय के दो तकनीकी विशेषज्ञों और एयरपोर्ट अथॉरिटी के दो सदस्यों की संयुक्त टीम ने निर्माणाधीन नए टर्मिनल स्थल पर तीन दिनों तक विस्तृत जांच की। इस दौरान रात्रि लैंडिंग के लिए तकनीकी और सुरक्षा पहलुओं का गहन मूल्यांकन किया गया।
सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर की पहल
दरभंगा एयरपोर्ट सलाहकार समिति के अध्यक्ष और सांसद डॉ. गोपालजी ठाकुर ने बताया कि उन्होंने हाल ही में एयरपोर्ट डायरेक्टर के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर रक्षा मंत्रालय से अनुरोध किया था। उनके प्रयासों के फलस्वरूप मंत्रालय ने सर्वे टीम भेजी। डॉ. ठाकुर ने कहा, “रात्रि लैंडिंग शुरू होने से दरभंगा और आसपास के क्षेत्रों में हवाई सेवाओं का विस्तार होगा, जिससे यात्रियों को सुविधा मिलेगी।”
रिपोर्ट सौंपने की प्रक्रिया
सर्वे टीम अब अपनी रिपोर्ट रक्षा मंत्रालय को सौंपेगी। इसके बाद रात्रि लैंडिंग के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जाएंगी। सांसद ने एयरपोर्ट के विकास और विस्तार के लिए डायरेक्टर को विभिन्न प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश भी दिए हैं।
एमएएफआई योजना और कैट का उपयोग
एयरपोर्ट डायरेक्टर ने सांसद को बताया कि एमएएफआई योजना के तहत लगाए गए कैट (कम्युनिकेशन एंड ट्रैकिंग) सिस्टम का उपयोग यात्री विमानों के परिचालन में करने के लिए गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। यह कदम रात्रि लैंडिंग को और सुगम बनाएगा।
वाच आवर की चुनौती
वर्तमान में देश के अन्य एयरबेस पर वाच आवर सुबह 6 बजे से रात 9 बजे तक होता है, लेकिन दरभंगा एयरबेस पर यह समय कम होने के कारण रात्रि लैंडिंग शुरू नहीं हो पा रही है। सर्वे टीम की जांच से इस समय को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
बाउंड्रीवाल निर्माण में प्रगति
सांसद डॉ. ठाकुर ने नए टर्मिनल भवन के निर्माण स्थल पर बाउंड्रीवाल के निर्माण में आ रही स्थानीय समस्याओं का समाधान भी किया। इससे निर्माण कार्य में तेजी आएगी।
आगे की उम्मीदें
रात्रि लैंडिंग शुरू होने से दरभंगा एयरपोर्ट क्षेत्रीय हवाई संपर्क का एक मजबूत केंद्र बन सकता है। इससे न केवल यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा।